विधिक सहायता का प्रावधान

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शशिकान्त तिवारी

Abstract

नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की बराबरी अथवा समता को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिये केवल इतना ही परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं है कि विधि धनी और निरà¥à¤§à¤¨ सभी के साथ सम बरà¥à¤¤à¤¾à¤µ करे, अपितॠयह भी आवशà¥à¤¯à¤• है कि निरà¥à¤§à¤¨ इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हो कि अपने अधिकारों को लागू करा सके और जब किसी दायितà¥à¤µ के लिये उनके विरूदà¥à¤§ वाद लाया जाता है तो समà¥à¤šà¤¿à¤¤ और परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कर सके, यदि à¤à¤¸à¤¾ नहीं किया जाता है तो विधि अपनी समता के बावजूद भी निरà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ के विरूदà¥à¤§ विभेदातà¥à¤®à¤• हो जायेगी। इससे निरà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ को विधिक सहायता का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आता है। विधिक सहायता का अरà¥à¤¥ सीमित साधनों वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मà¥à¤«à¥à¤¤ अथवा नाम मातà¥à¤° की फीस पर विधिक सलाह और सिविल और दाणà¥à¤¡à¤¿à¤• मामलों में विधिक सहायता देता है। इसका मूलभूत उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ किसी मनà¥à¤·à¥à¤¯, नारी अथवा बचà¥à¤šà¥‡ को केवल इसलिये कि वह निरà¥à¤§à¤¨ है, विधि की संरकà¥à¤·à¤¾ के इंकार किये जाने को असमà¥à¤­à¤µ बना देता है।

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