मन्नु भंडारी की लेखनी में संवेदना (कहानी के सन्दर्भ में)

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Kiran Vatti

Abstract

संवेदना शबà¥à¤¦ से हमारा अभिपà¥à¤°à¤¾à¤¯-सहानà¥à¤­à¥‚ति, हमदरà¥à¤¦à¥€ से है। संवेदना दो पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की होती है। मानसिक और शारीरिक। कथा-साहितà¥à¤¯ में संवेदना का अरà¥à¤¥ भावों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की गई अनà¥à¤­à¥‚तियों से है जैसे करà¥à¤£à¤¾, भय, पà¥à¤°à¥‡à¤®, निराशा, कà¥à¤‚ठा, कà¥à¤°à¥‹à¤§ आदि।

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