पंचवर्षीय योजनाओं के अन्तर्गत कृषि आधारित उद्योगों का विकास (जनपद कानपुर देहात के विशेष सन्दर्भ में)

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डॉ शरद दीक्षित

Abstract

आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• अनà¥à¤­à¤µ और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास की सैदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करते हैं कि आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤­à¤¿à¤• अवसà¥à¤¥à¤¾ में, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान होता है। विकसित अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं के विकास अनà¥à¤­à¤µ भी इस तथà¥à¤¯ की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करते हैं। कृषि समसà¥à¤¤ उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों की जननी, मानव जीवन की पोषक, पà¥à¤°à¤—ति की सूचक तथा समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• समà¤à¥€ जाती है। तीवà¥à¤° आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास की ओर उनà¥à¤®à¥à¤– वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ गतिशील विशà¥à¤µ के समसà¥à¤¤ विकसित à¤à¤µà¤‚ विकासशील देश अपने उपलबà¥à¤§ संसाधनों का अपनी परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤°à¥‚प यथासमà¥à¤­à¤µ अनà¥à¤•à¥‚लतम उपयोग कर कृषि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ में परिमाणातà¥à¤®à¤• à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤° तथा पà¥à¤°à¤—तिशील à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कृषि के विकास हेतॠसचेत à¤à¤µà¤‚ सतत पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ हैं। विकासशील राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ होने के कारण कृषि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आय का सबसे बड़ा सà¥à¤°à¥‹à¤¤, रोजगार à¤à¤µà¤‚ जीवनयापन का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– साधन, औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक विकास, वाणिजà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° का आधार है। 

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